Uttar Pradesh Shiksha Mitra Good News : समान वेतन और स्थायी नौकरी की मांग पर सचिव ने किया पत्र जारी

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उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र के लिए बड़ी खबर: समान वेतन और स्थायी नौकरी की मांग पर सचिव ने किया पत्र जारी

Uttar Pradesh Shiksha Mitra Good News : उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। Shiksha Mitra समान वेतन और स्थायी नौकरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर लखनऊ के इको गार्डन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लंबे समय से शिक्षामित्र अपनी मांगों के समर्थन में आवाज़ उठा रहे हैं, जिसमें प्रमुख मांग है कि उन्हें सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति दी जाए या फिर शिक्षकों के समान वेतन प्रदान किया जाए। इसके अलावा, शिक्षामित्रों को स्थाई नौकरी और अन्य सुविधाओं का लाभ देने की भी मांग की जा रही है।

सचिव ने जारी किया पत्र, मांगे होंगी पूरी

शिक्षामित्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सचिव बेसिक शिक्षा प्रयागराज द्वारा एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया गया है। इसमें 9 सितंबर 2024 को 11:30 बजे लखनऊ में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के साथ शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में शिक्षामित्रों की सभी मांगों पर गहन चर्चा की जाएगी और उनके समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

धरना प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन आंदोलन

शिक्षामित्र संगठनों ने घोषणा की है कि वे शिक्षा निदेशालय को ज्ञापन सौंपने के साथ ही अनिश्चितकालीन धरना देने का निर्णय ले चुके हैं। सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम न उठाने के कारण शिक्षामित्रों में गहरा असंतोष है। शिक्षामित्रों का कहना है कि उनके सामने अब “करो या मरो” की स्थिति है। कम मानदेय और बढ़ती महंगाई ने उनके लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना बेहद कठिन बना दिया है।

शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगें

शिक्षामित्र लंबे समय से बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं और नियमित शिक्षकों की तरह शिक्षण कार्य से लेकर अन्य सभी कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। वर्तमान में उन्हें केवल ₹10,000 प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है। हालांकि, सपा सरकार के दौरान उन्हें सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को निरस्त कर दिया और उन्हें फिर से शिक्षामित्र के पद पर बहाल कर दिया गया।

2017 के बाद से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं

शिक्षामित्रों का मानदेय आखिरी बार 2017 में बढ़ाया गया था। तब से लेकर आज तक उन्हें ₹10,000 प्रति माह ही मिल रहा है, जबकि इस अवधि में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। शिक्षामित्रों का मानना है कि इतने कम वेतन में उनका जीवन-यापन मुश्किल हो गया है और सरकार को उनकी मांगों पर तुरंत विचार करना चाहिए।

आगे की रणनीति

उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे विधान भवन का घेराव करेंगे। शिक्षामित्र समान काम के बदले समान वेतन, स्थाई नौकरी, चिकित्सा सुविधाओं और अवकाश जैसी मांगों को लेकर पूरी तरह से एकजुट हैं और वे अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।


इस खबर से यह साफ हो जाता है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र अपनी स्थिति को लेकर बेहद गंभीर हैं और सरकार से तुरंत कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं। यदि उनकी मांगे मानी जाती हैं, तो यह शिक्षामित्रों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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